कुंडली में ग्रह की जान – विम्शोपक बल (Nitin Kashyap) कुंडली सामने आते ही सबसे पहले ग्रहों के बलाबल का विचार होता है| षड्बल उनमे प्रमुख है, इस विडियो में एक और तरीका जिस से ग्रह के बल को ज्ञात किया जाता है उसका जिक्र है| उसे कहते है- विम्शोपक बल. विन्शोपक बल में जन्म कुंडली, होरा कुंडली, द्रेश्कांड, नवांश, द्वादंश और त्रिशांश कुंडली का प्रयोग होता है. वर्ग कुण्डलियाँ जीवन के विभिन्न क्षेत्रो के सूक्ष्म विश्लेषण में काम आती है| विन्शोपक बल, ग्रह की वर्ग कुंडली में राशि गत स्थिति पर निर्भर करता है| विन्शोपक बल में ग्रह को 20 में से अंक दिए जाते है. यदि अंक अधिक तो उस ग्रह की दशा अच्छी, यदि विन्शोपक बल कम तो दशा चुनौतीपूर्ण. इस बल के बारे में अपने विचार रख रहे है Nitin Kashyap.
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